परियोजनाएँ
साहित्यकार तिथिवार
विगत
नवंबर माह से आरंभ हुआ यह सफ़र सफलता के दो माह पार कर नए वर्ष में प्रवेश
कर चुका है। ‘हिंदी से प्यार है’ समूह की इस "साहित्यकार तिथिवार" परियोजना
के अंतर्गत हम प्रतिदिन आपको हिंदी साहित्य जगत के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर
से मिलवाते हैं। इन प्रख्यात साहित्यकारों के जन्मदिन अथवा पुण्यतिथि के
अनुसार एक कैलेंडरनुमा प्रारूप में बँधी यह आत्मीय शब्दांजलि आप सभी का
स्नेह पाकर अभिभूत है। हमारा प्रमुख आकर्षण तिथियों से परे रचनाकार हैं,
जिनकी उपस्थिति से यह पटल पावन और शाश्वत हो गया है।
२०२१ के उत्तरार्ध में इस परियोजना का विचार हिन्दी-तकनीक के प्रणेता बालेन्दु दाधीच के मन में प्रस्फुटित हुआ। रूपरेखा बनाने में जुटे न्यूजर्सी से अनूप भार्गव जो ‘हिन्दी से प्यार है’ समूह के संस्थापक-संचालक भी हैं। क्रियान्वयन का भार सँभाला इन तीन प्रखर हिन्दी कर्मियों ने- सिंगापुर से कवयित्री शार्दुला नोगजा, बैंगलुरु से लेखिका दीपा लाभ, और दिल्ली से हिन्दी छात्रा सृष्टि भार्गव। बहुत से अनुभवी और हिन्दी के जाने-माने लेखक और संपादक इस परियोजना से परिवार की भाँति जुड़े।
हम इन सबके ह्रदय से आभारी हैं। तिथिवार आलेख के लेखकों का परिचय आपको आलेख के अंत में मिलेगा।
हमारे संपादक मंडल की शोभा बढ़ा रहे हैं देश-विदेश से ये समर्पित हिन्दी
कर्मी:
संपादन मंडल: शार्दुला
नोगजा, दीपा लाभ, सृष्टि भार्गव; अरविन्द कुमार शुक्ला, अरुणा अजितसरिया,
अल्पना दाश, दीपक पांडेय, दीपक बामोला, नूतन पांडेय, प्रगति टिपणीस, मोनिका
शर्मा, रश्मि झंवर, रंजीत कुमार, रमा द्विवेदी, रेखा सेठी, सरोज शर्मा,
शालिनी वर्मा, शशि पधा, शैलजा सक्सेना
परियोजना का वेब लिंकः
साहित्यकार
तिथिवार
साहित्यकारों की वेबसाइटें
हिंदी के अमर साहित्यकारों पर
ऑनलाइन सामग्री के लिए स्रोत नहीं हैं।
इस परियोजना के तहत हम ऐसे
साहित्यकारों को समर्पित वेबसाइटें
निर्मित कर रहे हैं जो आज हमारे बीच
नहीं हैं। स्व. नरेंद्र कोहली और स्व.
धूमिल दो उदाहरण हैं। ये दोनों वेबसाइटें सक्रिय हैं। स्व. नरेंद्र कोहली को
समर्पित वेबसाइट का लोकार्पण उनके जन्मदिवस पर 6 जनवरी 2022 को हुआ। इन वेबसाइटों के लिंक इस प्रकार हैं-
टीमः प्रगति टिपणीस,
लतिका बत्रा (हिंदी से प्यार है), मनीष धारीवाल (मार्क माइ बुक)।
सहयोगः डॉ. मधुरिमा कोहली, अगस्त्य कोहली,
रत्न शंकर पांडेय एवं श्रीकांत पांडेय
खेल-खेल में हिंदी (ई-पत्रिका)
खेल-खेल में हिंदी ऐसी ई-पत्रिका है जिसका उद्देश्य प्रवासी भारतीय बच्चों
को हंसते -खेलते हिंदी सिखाना है। पहले से व्यस्त बच्चों पर कोई अन्य बोझिल
दायित्व नहीं आता। परिवार में ही माता-पिता के साथ सहज सरल भाव से हिंदी
सीख लें , ऐसा प्रयास है। संपादक मंडल की कोशिश यह है कि रुचिकर चित्रों ,
ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति, खेलों , पहेलियों के माध्यम से बच्चे घर-परिवार
में आनंद लेते हुए हिंदी सीख लें। इस परियोजना की सफलता में अभिभावक़ों की
सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। आप विश्व में कहीं भी हों, यह पत्रिका
आपके बच्चों के लिए उपलब्ध होगी। सभी अंक यहीं सुरक्षित रहेंगे और कोई भी
बच्चा किसी भी समय सीखना प्रारम्भ कर अंक-दर-अंक पूरी हिंदी सीख सकता है।
पत्रिका यहाँ पढ़ें-
http://www.hindisepyarhai.com/khel_khel_mein.html
संपादकः हरप्रीत
सिंह पुरी।
उप संपादकः
शालिनी वर्मा, अमित खरे, डॉ. संजय सराठे।
तकनीकी सहयोगः मनीष के गुप्ता।
सौ कालजयी पुस्तकेंहिंदी की 100 कालजयी पुस्तकों पर 100 चुने हुए विद्वानों द्वारा 7-8 मिनट की संक्षिप्त टिप्पणी/समीक्षा | इनमें कुछ लेखक के बारे में कहा जाता है और कुछ किताब के बारे में।
यह वीडियो सीधी सीधी , सरल भाषा में दर्शकों को यह बताएगा कि इस पुस्तक में क्या अच्छा है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए? यह वीडियो किसी भी रूप में कृति की साहित्यिक आलोचना नहीं होगी।
हमारा उद्देश्य है कि पाठकों (विशेष कर युवा वर्ग) का हिंदी की कालजयी पुस्तकों से परिचय करवा कर उन्हें यह किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित/आकर्षित कर सकें। इस परियोजना पर कार्य शुरू हो गया है। इसे जल्दी ही लांच/लोकार्पित जाएगा।
सम्पादक: दुर्गाप्रसाद अग्रवाल
सहयोग: सुदीप्ता सुदी,
अर्चना उपाध्याय
परियोजना से यहाँ जुड़ें-
http://www.hindisepyarhai.com/hsp100kp.html
विदेशी संस्थानों में हिंदी शिक्षण
अअनेक विदेशी विश्वविद्यालयों तथा दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी भाषा और साहित्य का अध्ययन होता है। ऐसे शिक्षण संस्थानों का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने के लिए यह परियोजना शुरू की गई है ताकि इच्छुक विद्यार्थी तथा विद्वान लाभ उठा सकें। इस परियोजना पर कार्य जारी है। अमेरिका के विश्व विद्यालयों का विवरण इकट्ठा किया जा चुका है । इसे जल्दी ही लांच / लोकार्पित किया जाएगा।
टीम:
कुसुम नैप्सिक, रजनी भार्गव
सहयोग: स्वरांगी साने,
सोमा व्यास, मनप्रीत कौर, मयूरी रमन, पूनम मिश्रा, शिखा रस्तोगी
परियोजना का पन्ना-
http://www.hindisepyarhai.com/hindi_teaching.html
प्रवासी लेखकों का रचना संसारभारत से दूर रहने वाले प्रवासी लेखकों
की प्रकाशित पुस्तकों के ‘मुख पृष्ठ’ ,
‘बैक कवर’ , फ्लैप आदि के चित्र।
इस के साथ ही इनके प्राप्ति स्थान की
सूचना भी इस परियोजना के अंतर्गत
दी जाती है। हिंदी के प्रवासी लेखकों
और पाठकों के लिए उपयोगी मंच। इस परियोजना पर कार्य जारी है। इसे जल्दी ही लांच/ लोकार्पित जाएगा।
बच्चों के लिए हिंदी पाठ्यक्रम
विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों तथा अनिवासी भारतीयों के बच्चों
को हिंदी पढ़ने में आने वाली एक बड़ी दिक्कत है- अच्छे और मानकीकृत
पाठ्यक्रम का अभाव। इस परियोजना के तहत हम यही कमी पूरी करने की कोशिश कर
रहे हैं। इस परियोजना पर कार्य जारी है। इसे जल्दी ही लांच/लोकार्पित जाएगा
HindiSePyarHai project has been launched to accomplish certain tasks which remain to be completed in the Hindi language.
A project run by Hindi-loving volunteers, HindiSePyarHai invites you to also be a part of the initiative.
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